‘युवा सेवा संघ ‘ क्या है ?
मनुष्य जीवन की वास्तविक माँग है सुख और इस सुख को पाने के लिए आज बुद्धिजीवियों ने कितने ही वैज्ञानिक आविष्कार कर दिये परंतु इन आविष्कारों से हम साधन-सुविधाओं के गुलाम बनते गये। हर तरफ इन सुविधाओं को पाने की होड़ लगी हुई है। इन्हें पाने की चिंता में ही जीवन तनावग्रस्त हो गया है। हो भी क्यों नहीं ? क्योंकि कभी न मिटने वाले शाश्वत सुख का खजाना तो ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों के सत्संग व उनकी सेवा से ही मिलता है। वर्तमान में ऐसे सदभागी कम नहीं हैं जो ऐसे महापुरुषों को पहचान कर उनसे लाभान्वित होते हैं।
पूज्य बापू जी के सत्संग से, मंत्रदीक्षा से एवं उनके दैवी कार्यों में जुड़ने से करोड़ों लोग अपने जीवन में सुख, शांति व धन्यता का अनुभव कर रहे हैं। देश-विदेश के अनगनित युवा पूज्यश्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन से अपना जीवन तेजस्वी बना रहे हैं। चाहे शैक्षणिक क्षेत्र हो, चाहे वैज्ञानिक, चाहे संगीत का क्षेत्र हो, चाहे आध्यात्मिक या फिर व्यावहारिक जगत ही क्यों न हो, हर क्षेत्र में पूज्य श्री से जुड़ा युवावर्ग सदाचार, सहिष्णुता एवं दृढ़ आत्मविश्वास के साथ प्रगतिपथ पर आगे बढ़ रहा है।
देश विदेश के अधिकतम युवाओं को पूज्य बापू जी के दिव्य आध्यात्मिक मार्गदर्शन का लाभ दिलाने हेतु तथा आत्मोन्नति के साथ-साथ समाजसेवा का दोहरा लाभ दिलाने हेतु ‘युवा सेवा संघ’ सतत कार्यशील रहता है । आज के युवाओं के लिए वह युवा संघ वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा दूरदर्शिता से परिपूर्ण भारतीय संस्कृति को समझने तथा उसके अनुसार जीवन को उन्नत बनाने की कला सीखने का माध्यम बनता है । साथ ही युवानों के जीवन में यह एक सच्चे हितैषी मित्र एवं उत्तम मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है ।
“हे युवाओ | आपको जो कुछ शरीर से, बुद्धि से या आत्मा से कमजोर बनाये उसको विष की तरह तत्काल त्याग दो | वह कभी सत्य नहीं हो सकता | सत्य तो बलप्रद होता है, पावन होता है, ज्ञानस्वरूप होता है |” – परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
युवकों के लिए यह दुर्लभ संयोग सुलभ बनाने हेतु परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से देश-विदेश में ‘युवा सेवा संघ’ का गठन किया गया है |
Objectives and Rules (उद्देश्य) :
1. युवाओं के जीवन में एक सच्चे हितैषी एवं उत्तम मार्गदर्शक मित्र की भूमिका निभाना।
2. संयम, सदाचार, चारित्र्यसम्पन्नता, परोपकार, निर्भयता, आत्मविश्वास आदि दैवी गुणों का युवाओं में विकास करना।
3. युवाओं को आश्रम द्वारा संचालित विभिन्न सेवाकार्यों में जोड़कर राष्ट्रोन्नति के कार्य में सक्रिय योगदान देना।
4. युवाओं को परिवार, समाज एवं राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार, कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाना।
5. भारतीय संस्कृति के सिद्धान्तों का अध्ययन करने के बाद उनकी वैज्ञानिकता व तर्कसम्मतता को देखकर आधुनिक वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हो रहे हैं। ऐसी महामयी भारतीय संस्कृति को समझने-समझाने में तथा उसके प्रचार-प्रसार में सहयोगी बनना।
6. ‘युवा सेवा संघ’ के माध्यम से निष्काम सेवा करते हुए मनुष्य जीवन के परम लक्ष्य ईश्वरप्राप्ति की ओर अग्रसर होना।
विशेषताएँ :
1. पूज्यबापू जी से मंत्रदीक्षित युवाओं द्वारा युवा संघ का संचालन।
2. जीवन की कठिनाइयों का धैर्य एवं निडरता से सामना करने की क्षमता का विकास।
3. युवावर्ग के लिए हितकारी पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचनों तथा अन्य महापुरुषों के उपदेशों का संकलन प्रदान करना।
4. युवा उत्थान शिविर, युवाओं के सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न सेवा अभियान, जिज्ञासु युवाओं को विशेष मार्गदर्शन।
5. ‘संस्कार सभा‘ के माध्यम से युवकों में छुपी प्रतिभा का विकास।
6. अपने जीवन को उन्नत बनाने के इच्छुक युवक, जिन्हें पूज्य बापू जी से मंत्रदीक्षा नहीं मिली हो, वे ‘संस्कार सभा’ के माध्यम से लाभान्वित होकर ‘क्षेत्रिय युवा सेवा संघ’ से जुड़ सकते हैं।