नियम मानेगुरुमंत्र का जप, गुरुसेवा के दौरान तपश्चर्या, गुरुवाचा में श्रद्धा, आचार्य-सेवन, संतोष, पवित्रता, शास्त्र का अध्ययन और गुरुभक्ति अथवा गुरु की शरण